कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा – अहमद फ़राज़
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अहमद फ़राज़ शायरी – चला था ज़िक्र ज़माने की
चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का
सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही – अहमद फ़राज़
अहमद फ़राज़ शायरी – न मंज़िलों को न हम
न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं – अहमद फ़राज़
अहमद फ़राज़ शायरी – अब तो ये आरज़ू है
अब तो ये आरज़ू है कि वो ज़ख़्म खाइए
ता-ज़िंदगी ये दिल न कोई आरज़ू करे – अहमद फ़राज़
अहमद फ़राज़ शायरी – ज़िंदगी से यही गिला है
ज़िंदगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे! – अहमद फ़राज़
Abrar Kashif Shayari | Abrar Kashif Poetry In Hindi
अगर तुम हो तो घबराने की कोई बात थोड़ी है
ज़रा सी बूँदाबाँदी है, बहुत बरसात थोड़ी है
ये राह-ए-इश्क़ है इसमें कदम ऐसे ही उठते है
मोहोब्बत सोचने वालों के बस की बात थोड़ी है
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Abrar Kashif Shayari
मंज़िलों का कौन जाने रहगुज़र अच्छी नहीं
उसकी आँखें ख़ूबसूरत है नज़र अच्छी नहीं
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Abrar Kashif Shayari
अब तो लगता है कि आ जायेगी बारी मेरी
किसने दे दी तेरी आँखों को सुपारी मेरी
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Abrar Kashif Shayari
दिन में मिल लेते कहीं रात ज़रूरी थी क्या?
बेनतीजा ये मुलाक़ात ज़रूरी थी क्या
मुझसे कहते तो मैं आँखों में बुला लेता तुम्हें
भीगने के लिए बरसात ज़रूरी थी क्या
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Abrar Kashif Shayari
घर की तक़सीम में अंगनाई गवा बैठे है
फूल गुलशन से शिनसाई गवा बैठे है
बात आँखों से समझ लेने का दावा मत कर
हम इसी शौक में बीनाई गवा बैठे है
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Abrar Kashif Shayari
हर इक लफ़्ज़ के तेवर ही कुछ और होते है
तेरे नगर के सुखनवर ही कुछ और होते है
तुम्हारी आँखों में वो बात ही नहीं है ऐ दोस्त
डुबोने वाले समंदर ही और होते है
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Abrar Kashif Shayari
मेरा अरमान मेरी ख्वाहिश नहीं है
ये दुनिया मेरी फ़रमाहिश नहीं है
मैं तेरे ख्वाब वापस कर रहा हूँ
मेरी आँखों में गुंजाइश नहीं है
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Abrar Kashif Shayari
आवारगी के सारे हवालों को खुला छोड़
सेहरा की याद पाँव की छालों को खुला छोड़
करती है तो करने दे हवाओं को शरारत
मौसम का तकाज़ा है कि बालों को खुला छोड़
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Abrar Kashif Poetry
तू अपनी चिठियों में ‘मीर’ के अशआर लिखती है
मोहब्बत के बिना है ज़िन्दगी बेकार लिखती है
तेरे ख़त तो इबारत हैं वफ़ादारी की क़समों से
जिन्हें मैं पढ़ते डरता हूँ वही हर बार लिखती है
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Abrar Kashif Poetry
तू पैरोकार लैला की है शिरीन की पुजारन है
मगर तू जिसपे बैठी है वो सोने का सिंहासन है
तेरी पलकों के मस्कारे, तेरे होठों की ये लाली
ये तेरे रेश्मी कपड़े ये तेरे कान की बाली
गले का ये चमकता हार, हाथों के तेरे कंगन
ये सब के सब है मेरे दिल मेरे एहसास के दुश्मन
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Abrar Kashif Poetry
इनके सामने कुछ भी नहीं है प्यार की कीमत
वफ़ा का मोल क्या, क्या है ऐतबार की क़ीमत
शकस्ता कश्तियों टूटी हुई पतवार की क़ीमत
है मेरी जीत से बढ़कर तो तेरी हार की कीमत
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Abrar Kashif Poetry
हकीकत खून के आंसू तुझे रुलवायेगी जाना
तू अपने फैसले पर बाद में पछ्तायेगी जाना
मेरे काँधे पर छोटे भाइयों की ज़िम्मेदारी है
मेरे माँ बाप बूढ़े है बेहन भी तो कंवारी है
बहे न मौसमों के वार को तू सेह न पायेगी
हवेली छोड़ कर तू इक झोपड़ी में रह ना पायेगी
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Abrar Kashif Poetry
अमीरी तेरी मेरी मुफलिसी को छल नहीं सकती
तू नंगे पाँव तो कालीन पर चल नहीं सकती
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Abrar Kashif Poetry
अपने दिल में बसाओगे हमको
और गले से लगाओगे हमको
हम नहीं इतने प्यार के काबिल
तुम तो पागल बनाओगे हमको
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Abrar Kashif Poetry
दिल को तेरी ख्वाहिश पहली बार हुई
इस सेहरा में बारिश पहली बार हुई
मांगने वाले हीरे मोती मांगते है
अश्कों की फ़रमाहिश पहली बार हुई
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Abrar Kashif Shayari In Hindi
तरीके और भी है इस तरह परखा नहीं जाता
चरागों को हवा के सामने रखा नहीं जाता
मोहोब्बत फैसला करती है पहले चंद लम्हों में
जहा इश्क़ होता है वहां सोचा नहीं जाता
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Abrar Kashif Ghazal In Hindi
वो तो अच्छा है ग़ज़ल तेरा सहारा है मुझे
वर्ना फ़िक्रों ने तो बस घेर के मारा है मुझे
जिसकी तस्वीर, मैं कागज़ पे बना भी न सका
उसने मेहँदी से हथेली पे उतारा है मुझे
ग़ैर के हाथों से मरहम मुझे मंजूर नहीं
तुम मगर ज़ख्म भी दे दो तो गवारा है मुझे
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Manhar Seth Shayari | Tum Nahi Jaanti Poetry | Love Poetry | The Social House Poetry

Tum Nahi Jaanti By Manhar Seth | Love Poetry | The Social House Poetry
मुझसे इश्क़ करते हुए घबराए पहले तुम्हीं थे
हमारी मोहब्बत में शर्माए पहले तुम्हीं थे
और ये माना कि तुझे बाहों में पहले मैने भरा था
पर मेरे होठों के पास आए पहले तुम्हीं थे
तुम नहीं जानती
तुम नहीं जानती कि वो रातों को उठना
तुम्हें देखना
और तुम्हें चूम के सो जाना
कितना सुकून देता है मुझे ये तुम नहीं जानतीं
तुम नहीं जानती कैसी तुम्हारी साँसे
और तुम्हारी आहे गर्म रखती है
मुझे सर्द रातों में तुम नहीं जानतीं
तुम नहीं जानती कैसे ख्वाहिश है पूरी जीवन गुजारने का
तुम्हारी जुल्फों के साए में तुम नहीं जानतीं
तुम नहीं जानती कितने लड़के तुम्हारे लबों को तरसते हैं
कितने बादल तुम्हें छूने को बरसते हैं
तुम नहीं जानती
ये इश्क़ क्या हैं ये इश्क़ क्या हैं
ये तन्हा रातें है
ये अधुरी बाते है
ये मचलती साँसें है
नामुकम्मल मुलाकातें है
थरथराते लब है
ये इश्क़ सब है
कि तुम नहीं जानतीं
तुम नहीं जानती ये पाना किसे कहते हैं
तुम नहीं जानती ये खोना किसे कहते हैं
तुम नहीं जानती ये हसना किसे कहते हैं
तुम नहीं जानती ये रोना किसे कहते हैं
तुम नहीं जानती कैसे लोग रूह में उतर जाते है, निकलते नहीं हैं
कैसे एक तरफा इश्क़ में बर्बाद हो जाते हैं, सम्भलतें नहीं है
तुम नहीं जानतीं आज भी खुशबू आती है तुम्हारी
महका जाती है मेरे बदन को
तुम नहीं जानती कि बैर है मेरा इन हवाओं से
जो आते जाते तुम्हे छूती है
तुम नहीं जानती दुश्मनी है तुम्हारे उस कंगन से
जो तुम्हारी पूरे दिन नाजुक कलाई पे बैठ के आराम फरमाता रहता है
तुम नहीं जानती कि कैसे जलता हूँ उन लोगों से
जिनको तुम बाहों में भर लेती हो
इसमें मुझे जॉन एलिया का शेर याद आता है
‘कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे’
और यार सुनो…यार सुनो
कुछ हाल सुनाओ उसकी कयामत बाहों के
अजी जो उसमें सिमटते होंगे वो मर जाते होंगे
कि तुम नहीं जानती उस दुनिया का हाल क्या है
जिस दुनिया में हम दोनो साथ है
तुम नहीं जानती कैसे मरना भी आसान लगता था
जब हम दोनों साथ थे
पर आज जीना भी मुश्किल लगता है
जब हम दोनों बिछड़ गए हैं
तुम नहीं जानतीं
तुम नहीं जानती कैसे तुम ही मेरी तकल्लुफ़ का बाईस हो
पर तुम ये भी तो नहीं जानती
कि तुम ही मेरी खुशियों की वजह भी हो
तुम नहीं जानती कैसे हर रोज़ ढूंढता रहता हूँ
तरीके
ताकि वापस मोड़ लाऊं उस गुजरे वक्त को
और उस सबको
जिसमें मेरे हाथों में तुम्हारा हाथ था
और वो पूरा जहां मुकम्मल था
तुम नहीं जानती कैसे आज भी
अपने मुँह में एक निवाला डालने से पहले
ये सोचता हूँ क्या तुमने खाना खाया है या नहीं
तुम नहीं जानती कैसे कतराता हूँ आज भी
किसी लड़की से बात करने में
क्योंकि ये तुमसे और तुम्हारे इश्क़ से बेवफाई लगती हैं
तुम नहीं जानती कैसे काटे थे वो दिन
जो तुम्हारे हिज्र के मौसम लाये थे
तुम नहीं जानती कैसे हर जाम पे तुम्हारा नाम लिखा है
तुम नहीं जानती कैसे चैट्स पढ़ता रहता हूँ हम दोनों की आज भी
कैसे आईने में देख के सजता सवरता रहता हूँ आज भी
तुम नहीं जानती कि सम्भाल के रखी है वो सारी चीजे
जैसे वो आई लव यू वाला काल
जैसे वो टूटी हुई फ़ोन की चार्जिंग वायर
वो तुम्हारी, मेरी तस्वीर वाला फोटो फ्रेम
वो तुम्हारी गानों की प्लेलिस्ट
और सब…
ये सब जो तुम नहीं जानती
ये सब जो तुम नहीं जानती
पर शायद आज जान जाओगी
जान लेना क्योंकि जान ही तो बसती है तुम्हारे में मेरी
वो ‘मनहर’ जिसे तुम कभी नहीं जान सकी
वो ‘मनहर’ जिसे तुम कभी नहीं जान सकी।
– मनहर सेठ
Double Meaning Shayari | Double Meaning Shayari For Girlfriend In Hindi

Double Meaning Shayari | Hindi Mein Double Meaning Shayari | Double Meaning Poetry In Hindi | डबल मीनिंग शायरी हिंदी में
मांगता हूँ तो देती नहीं हो,
जवाब मेरी बात का… 😂😜
और देती हो तो खड़ा हो जाता है,
रोम-रोम जज्बात का… 😂😜
मूह में लेना तुम्हे पसंद नहीं,
एक भी कतरा शराब का… 😂😜
फिर क्यूँ बोलती हो के धीरे से डालो,
बालों में फूल गुलाब का… 😂😜
वो सोती रही में करता रहा,
इंतज़ार उसके जवाब का… 😂😜
हाथ में रखते ही उसने पकड़ लिया,
गुलदस्ता गुलाब का… 😂😜
double meaning shayari for girlfriend in hindi
उसने कहा पीछे से नहीं आगे से करो,
दीदार मेरे हुस्र-ओ-शब्बाब का… 😂😜
वो बोली बड़ा मज़ा आता है जब अन्दर जाता है.
कानो में एक एक लफ्ज़ तेरे प्यार का… 😂😜
उसने कहा – इतना बड़ा देखा नहीं था पहले कभी,
जितना बड़ा दिल है जनाब का… 😂😜
डबल मीनिंग शायरी इन हिंदी फॉर गर्लफ्रैंड
मेरी शायरी गलत नहीं है, दोस्त आपकी सोच ही गलत है, तो मैं क्या कर सकता हूँ?
Flirting Shayari In Hindi – Best Flirt Shayari To Impress A Girl
Girl Flirt Shayari In Hindi
कभी सोचता हु की मुझे सोचती होगी वो,
फिर सोचता हु की क्या क्या सोचता हु में.
मैं सिर्फ दोस्त तुम्हारा पर तुम मोहब्बत मेरी,
ये तो बस एक राज की बात हे,
अब तुम्हे भी हो जाये मोहब्बत हमसे,
इतनी कहा किस्मत मेहरबान है.
इक दिन न दिखे वो तो हम बेहाल दीखते हे,
खुद क़त्ल कर के जनाब हमसे हमारे क़ातिल का नाम,
पूछते हे.
सरे राह जो उनसे नज़र मिली,
तो नक्श दिल के उभर गए,
हम नज़र मिला कर झिझक गए,
वो नज़र झुका कर चले गए.
आजकल हर पल मुझे यूँ सताते हो तुम
ख्वाब हो या हकीकत, हर जगह बस नजर आते हो तुम.
Shayari Flirt In Hindi
मेरा दीवानापन मेरा करार बन गये हो तुम
जिसे सपने में देखा था, वो प्यार बन गये हो तुम.
चलो कोई नया वादा करते हैं हम
जिंदगी संग बिताने का इरादा करते हैं हम.
आजकल मेरे Mobile का Wallpaper तुम हो
मेरे दिल पर प्यार का Signature तुम हो
मैं हूँ तुम्हारी हर अदा का दीवाना
और मेरे प्यार का Future तुम हो.
Shayari Flirt In Hindi
मेरे ख्वाबों की मल्लिका, अब मेरे जीवन की रानी बन जाओ तुम
सदियों जिसे जमाना दोहराए, वो अमिट कहानी बन जाओ तुम.
चलो दोस्ती से मोहब्बत की ओर आगे बढ़ते हैं
मैं तेरा हूँ, तू मेरी है, खुलेआम ये ऐलान करते हैं.
Shayari On Flirt In Hindi
जब से तुम्हें देखा तब से तुमसे प्यार हो गया
एक लफ्ज भी नहीं कहा और इजहार हो गया.
बिना कुछ सोचे तेरी हर बात मान लेते हैं हम
क्योंकि तुझसे हद से ज्यादा प्यार करते हैं हम.
एक पल रूठ जाना और दूसरे हीं पल मान जाना
ए सनम तेरी यही मासूमियत मुझे बनाती है दीवाना.
Shayari On Flirt In Hindi
कोई न मेरी तरह तेरे नाज उठाएगा
कोई न मेरी तरह तेरी खुशियाँ चाहेगा
और भी चाहने वाले होंगे तेरे
लेकिन कोई न मेरी तरह तुझ पर प्यार लुटायेगा.
तुझे भी मुझ पर प्यार आ जायेगा
कभी मेरी आँखों को पढ़ तो सही.
Shayari On Flirt In Hindi
कैसे बयाँ करूं तेरे लिए मेरा दीवानापन
अब तो जर्रे-जर्रे में तुम हीं नजर आते हो.
जब से तुझसे इश्क हुआ मैं बदनाम हो गया
तेरे-मेरे प्यार का चर्चा सरेआम हो गया.
हाथ फिर उठे दुआ के लिए और मैंने फिर तुझे माँगा
इस तरह बिना बताए अब तक तुझे बेइंतहा चाहा.
आजकल हर पल
मुझे यू सताते हो तुम,
ख्वाब हकीकत हर जगह
बस नजर आते हो तुम।
क्या पता था की महोब्बत ही हो जाएगी,
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था।
Flirt Shayari In Hindi
तेरी बातों के अफसाने बाकि है,
अभी मिलने को कई अनजान बाकि है,
हुआ तो हे अभी बस तेरा दीदार,
देखने को तो हर सुबह बाकि है,
Dear Crush पूरी दुनिया को
छोड़ सिर्फ तुझे चाहा है,
पहली नज़र में देखते ही
तुम्हें दिल तुझ पर आया है।
तेरी आवाज़ पर मरते हैं,
तेरे हर अंदाज़ पर मरते हैं,
तुझे बताया नहीं कभी लेकिन
एक तरफा इश्क़ तुमसे करते हैं।
हम उसकी आँखें देख
कर फना हो गए,
न जाने वह आइना
कैसे देखती होगी।
गलत सुना था की
इश्क़ आँखों से होता है,
दिल तो वो भी चुराते है
जो पलक तक नहीं उठाते।
डरता हूं कहने से कि
मोहब्बत है तुम से,
कि मेरी जिंदगी बदल देगा
तेरा इकरार भी और इनकार भी।
Flirt Shayari To Impress A Girl In Hindi
ना साथ किसी का चाहिए
ना कोई चाहिए सहारा,
बस एक दुआ है खुदा से
तू हो जाये हमारा।
Flirt Shayari In Hindi
साँसों की महक हो या चेहरे का नूर,
चाहत है आपसे इसमें मेरा क्या कसूर।
मेरा दीवानापन मेरा
फरार बन गए हो तुम,
जिसे सपने में देखा था
वह प्यार बन गए हो तुम।
आंखों में तुझे बसाया
दिल में तेरी यादों को,
मुझे दुनिया से क्या लेना देना
मै पसंद करता हूँ तेरी बातों को।
Flirt Shayari To Impress A Girl In Hindi
क्यों मदहोश करती है मुझे मौजूदगी तेरी,
कहीं मुझे तुमसे प्यार तो नहीं हो गया।
तेरी याद क्यूँ आती है ये मालुम नहीं,
लेकिन जब भी आती है अच्छा लगता है।
आज तू मिली है मुझको
क़यामत की रात होगी,
जलेगी ये दुनिया जब
तू मेरे साथ होगी।
इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के।
हमें कहा मालूम था कि
इश्क़ होता क्या है,
बस एक तुम मिले और
ज़िन्दगी मुहब्बत बन गई।
Flirt Shayari To Impress A Girl In Hindi
उनकी नज़र का कुछ ऐसा खुमार था,
उफ़ दिल ना देते तो जान चली जाती।
Flirting Shayari For Beautiful Girl In Hindi
मुश्किल भी तुम हो,
हल भी तुम हो,
होती है जो दिल मैं,
वह हलचल भी तुम हो।
दिल की तमन्ना इतनी है
कुछ ऐसा मेरा नसीब हो,
मैं जहाँ जिस हाल में रहुँ
बस तू ही तू मेरे करीब हो।
वो कहती है कभी और
कभी और होता नहीं
दिल भी तो नादान उनके
सिवा कहीं और खोता नहीं।
दुनिया में लोग तो बहुत है लेकिन,
मेरे लिए तेरा होना ही सब कुछ है।
Flirting Shayari For Beautiful Girl In Hindi
असल मोहब्बत तो वो
पहली ही मोहब्बत थी,
इसके बाद तो हर शख्स में
सिर्फ उसी को ढूंढा है।
बहुत दूर है तुम्हारे घर से
मारे घर का किनारा,
पर हम हवा के हर झोंके से
पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।
लफ्जों से क्या मुकाबला
नजरों के वार का,
असर अक्सर गहरा होता है
बेजुबाँ प्यार का।
यह दिल ही जानता है मेरी
पाक मोहब्बत का आलम,
की मुझे जीने के लिए साँसों
की नहीं तेरी ज़रूरत है।
Flirting Shayari On Smile In Hindi
चलते चलते मुलाक़ात हो गयी उनसे राहों में,
मदहोश हो गए हम जब देखा उनकी निगाहों में।
Flirting Shayari On Smile In Hindi
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गई,
फ़िर से आज जीने की वज़ह मिल गई।
कितना भी खराब हो मेरा मूड,
तुम्हारा एक मैसेज आ जाये
तो सब अच्छा लगता है।
दूरियों से ही एहसास होता हैं की,
नजदीकिया कितनी खास होती हैं।
सोचा था आज तेरे सिवा कुछ और सोचूँ,
पर इसमे भी तो बस तुझे ही सोच रहा हूँ।
Flirt Shayari In Hindi For Boyfriend
ख्वाब चल तुझजे एक ख्वाब दिखाऊ,
बड़ा गुमान है न तुझे अपनी ख्वाबो की परियो पर,
चल तुझे आज मेरी शिज़ुका से मिलवाऊ.
आज कल न जाने किन बेनाम खयालों में खोया रहता हु,
सुनो न…! एक तुम ही तो न जिसपे में मरता हु.
बात तो फिर भी हो जरी हे हमारी,
पर बाते होना अभी बाकि है.
Flirt Shayari In Hindi For Boyfriend
चाह के भी करीब नहीं जा सकता, ना जाने कैसी यह मजबूरी हे,
मोहब्बत मेरी एक तरफ़ा हे, शायद इसीलिए अधूरी है.
सुनो..!
मोहब्बत है तुमसे.. तेरे जिस्म की प्यास नहीं,
माना की शक्ल बुरी हे मेरी, पर बुरे ख़यालात नहीं.
Ladki Se Flirt Karne Ke Liye Shayari
दबा कर रखा है हमने अपने इश्क़ के सेलबो को,
सुना हे संभाल कर रखते है वो किसी के दिए गुलाबो को.
आज खिड़की से मौसम बहुत प्यारा देखा हे,
आज मैने उस हसीं नज़ारे को दोबारा देखा हे.
कभी कभी बिन बोले भी सुन लिया करो,
अब हर बार, इन होंटो से कहते अच्छे नहीं लगते.
दिल का मौसम कभी तो खुशगवार हो जाये,
एक पल को ही सही तुझे मुझ से प्यार हो जाये.
कितनी खुशनसीब है वो..!
जिस चेहरे को देखने के लिए लोग मिनत्ते करते हे,
उसे वो जब चाहे आईने के सामने खड़े होकर देख सकती हे.
हर पल ख्यालो में साथ रहती हो तुम, काश!
असल ज़िन्दगी में भी तुम्हारा साथ मिल जाता.
एहसान दानिश की शायरी | ehsan danish shayari in hindi
“आज उस ने हँस के यूँ पूछा मिज़ाज
उम्र भर के रंज-ओ-ग़म याद आ गए
“
“‘एहसान’ अपना कोई बुरे वक़्त का नहीं
अहबाब बेवफ़ा हैं ख़ुदा बे-नियाज़ है
“
“और कुछ देर सितारो ठहरो
उस का व’अदा है ज़रूर आएगा
“
“किस किस की ज़बाँ रोकने जाऊँ तिरी ख़ातिर
किस किस की तबाही में तिरा हाथ नहीं है
“
“कुछ लोग जो सवार हैं काग़ज़ की नाव पर
तोहमत तराशते हैं हवा के दबाव पर
“
“ज़ख़्म पे ज़ख़्म खा के जी अपने लहू के घूँट पी
आह न कर लबों को सी इश्क़ है दिल-लगी नहीं
“
“ज़ब्त भी सब्र भी इम्कान में सब कुछ है मगर
पहले कम-बख़्त मिरा दिल तो मिरा दिल हो जाए
“
“जो दे रहे हो ज़मीं को वही ज़मीं देगी
बबूल बोए तो कैसे गुलाब निकलेगा
“
“तुम सादा-मिज़ाजी से मिटे फिरते हो जिस पर
वो शख़्स तो दुनिया में किसी का भी नहीं है
“
“न जाने मोहब्बत का अंजाम क्या है
मैं अब हर तसल्ली से घबरा रहा हूँ
“
“मैं हैराँ हूँ कि क्यूँ उस से हुई थी दोस्ती अपनी
मुझे कैसे गवारा हो गई थी दुश्मनी अपनी
“
“ये उड़ी उड़ी सी रंगत ये खुले खुले से गेसू
तिरी सुब्ह कह रही है तिरी रात का फ़साना
“
“रहता नहीं इंसान तो मिट जाता है ग़म भी
सो जाएँगे इक रोज़ ज़मीं ओढ़ के हम भी
“
“लोग यूँ देख के हँस देते हैं
तू मुझे भूल गया हो जैसे
“
“वफ़ा का अहद था दिल को सँभालने के लिए
वो हँस पड़े मुझे मुश्किल में डालने के लिए
“
“हाँ आप को देखा था मोहब्बत से हमीं ने
जी सारे ज़माने के गुनहगार हमीं थे
“
“हुस्न को दुनिया की आँखों से न देख
अपनी इक तर्ज़-ए-नज़र ईजाद कर
“
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