Hindi Shayari – मुकम्मल इश्क़ की तलबगार नहीं है

मुकम्मल इश्क़ की तलबगार नहीं है आंखे

थोड़ा_थोड़ा ही सही रोज तेरे दीदार की चाहत है

Hindi Shayari – कैसे कहें कि हमारा तुमसे कोई रिश्ता नहीं.

कैसे कहें कि हमारा तुमसे कोई रिश्ता नहीं…

आज भी तुम्हारे नाम से हमारी साँसे महक उठती हैं..!!