कोई बता दे ये सूरज को जा के हम ने भी
शजर को धूप में छाता बना के रक्खा है – मुनव्वर राना
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मुनव्वर राना शायरी – हम परिंदो की तरह सुबह
हम परिंदो की तरह सुबह से दाने के लिए
घर से चल पड़ते है कुछ पैसे कमाने के लिए । – मुनव्वर राना
मुनव्वर राना शायरी – हमी अकेले नही जागते है
हमी अकेले नही जागते है रातो में
उसे भी नींद बड़ी मुश्किलो से आती है । – मुनव्वर राना
मुनव्वर राना शायरी – हम तो शायर हैं सियासत
हम तो शायर हैं सियासत नहीं आती हमको…
हम से मुंह देखकर लहजा नहीं बदला जाता…!!! – मुनव्वर राना
राहत इंदौरी शायरी – प्यास अगर मेरी बुझा दे
प्यास अगर मेरी बुझा दे तो मैं जानू,
वरना तू समंदर है तो होगा,मेरी किस काम का है. – राहत इंदौरी
मुनव्वर राना शायरी – जब दोस्ती भी फूंक के
जब दोस्ती भी फूंक के रखने लगे कदम
फिर दुश्मनी तुझे भी संभल जाना चाहिये – मुनव्वर राना
मुनव्वर राना शायरी – मोहब्बत में परखने जांचने से
मोहब्बत में परखने जांचने से फायदा क्या है…
कमी थोड़ी बहुत हर एक के शज़र में रहती है…!!! – मुनव्वर राना
मुनव्वर राना शायरी – हम ईंट-ईंट को दौलत से
हम ईंट-ईंट को दौलत से लाल कर देते,
अगर ज़मीर की चिड़िया हलाल कर देते – मुनव्वर राना
मुनव्वर राना शायरी – तेरे दामन में सितारे हैं
तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फ़लक
मुझको अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी – मुनव्वर राना
मुनव्वर राना शायरी – अभी ज़िंदा है माँ मेरी
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है… – मुनव्वर राना