मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यूँ रात भर नहीं आती – मिर्ज़ा ग़ालिब
Tag: raat shayari
मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – न लुटता दिन को तो
न लुटता दिन को तो कब रात को यूँ बेख़बर सोता
रहा खटका न चोरी का दुआ देता हूँ रहज़न को – मिर्ज़ा ग़ालिब
मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यूँ रात भर नहीं आती – मिर्ज़ा ग़ालिब
न लुटता दिन को तो कब रात को यूँ बेख़बर सोता
रहा खटका न चोरी का दुआ देता हूँ रहज़न को – मिर्ज़ा ग़ालिब