कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा – अहमद फ़राज़
Tag: prasidd shayaron ki shayari
अहमद फ़राज़ शायरी – चला था ज़िक्र ज़माने की
चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का
सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही – अहमद फ़राज़
अहमद फ़राज़ शायरी – न मंज़िलों को न हम
न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं – अहमद फ़राज़
अहमद फ़राज़ शायरी – अब तो ये आरज़ू है
अब तो ये आरज़ू है कि वो ज़ख़्म खाइए
ता-ज़िंदगी ये दिल न कोई आरज़ू करे – अहमद फ़राज़
अहमद फ़राज़ शायरी – ज़िंदगी से यही गिला है
ज़िंदगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे! – अहमद फ़राज़
जौन एलिया शायरी – बिन तुम्हारे कभी नहीं आई
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई
क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है – जौन एलिया
जौन एलिया शायरी – तारीख़ ने क़ौमों को दिया
तारीख़ ने क़ौमों को दिया है यही पैग़ाम
हक़ माँगना तौहीन है हक़ छीन लिया जाए – जौन एलिया
अल्लामा इक़बाल शायरी – अनोखी वज़ह है सारे ज़माने
अनोखी वज़ह है सारे ज़माने से निराले है..
ये आशिक़ कौन सी बस्ती के या-रब रहने वाले है.! – अल्लामा इक़बाल
Iqbal Shayari
अल्लामा इक़बाल शायरी – न तू ज़मीं के लिए
न तू ज़मीं के लिए है, न आसमाँ के लिए..
जहाँ है तेरे लिए, तू नहीं जहाँ के लिए.! – अल्लामा इक़बाल
Allama Iqbal Shayari Urdu
अल्लामा इक़बाल शायरी – मन की दौलत हाथ आती
मन की दौलत हाथ आती है तो फिर जाती नहीं
तन की दौलत छाँव है आता है धन जाता है धन – अल्लामा इक़बाल
Allama Iqbal Shayari