मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – सादिक़ हूँ अपने कौल में

सादिक़ हूँ अपने कौल में ग़ालिब ख़ुदागवाह,
कहता हूँ सच, कि झूठ की आदत नहीं मुझे – मिर्ज़ा ग़ालिब