अहमद फ़राज़ शायरी – वह लाख दुश्मन ए जां

वह लाख दुश्मन ए जां हो मगर ख़ुदा न करे
के उसका हाल भी हो हू बा हू हमारी तरहा। – अहमद फ़राज़

अहमद फ़राज़ शायरी – आज दिल खोल के रोये

आज दिल खोल के रोये हैं तो यूँ खुश हैं फ़राज़
चंद लम्हों की ये राहत भी बड़ी हो जैसे – अहमद फ़राज़

अहमद फ़राज़ शायरी – सजदों में गुज़ार दूँ अपनी

सजदों में गुज़ार दूँ अपनी सारी ज़िन्दगी ‘फ़राज़’
एक बार वो कह दें कि मुझे दुआओं से मांग लो – अहमद फ़राज़

अहमद फ़राज़ शायरी – ज़िंदगी हम तिरे दाग़ों से

ज़िंदगी हम तिरे दाग़ों से रहे शर्मिंदा
और तू है कि सदा आईना-ख़ाने माँगे – अहमद फ़राज़