मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – हाँ वो नहीं ख़ुदा-परस्त जाओ

हाँ वो नहीं ख़ुदा-परस्त जाओ वो बेवफ़ा सही
जिस को हो दीन ओ दिल अज़ीज़ उस की गली में जाए क्यूँ – मिर्ज़ा ग़ालिब