मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब December 5, 2019 Arzkiyahai २ लाइन हिंदी शेरो शायरी, Hindi Shero Shayari, Shayari 2 Line Mein, मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी, हिंदी शायरी आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब दिल का क्या रंग करूँ ख़ून-ए-जिगर होते तक – मिर्ज़ा ग़ालिब