मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – मैं और बज़्म-ए-मय से यूँ January 21, 2020 Arzkiyahai Hindi Shero Shayari, Shayari 2 Line Mein, मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी, हिंदी शायरी मैं और बज़्म-ए-मय से यूँ तिश्ना-काम आऊँ गर मैं ने की थी तौबा साक़ी को क्या हुआ था – मिर्ज़ा ग़ालिब