कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया – साहिर लुधियानवी
Tag: साहिर लुधियानवी की शायरी
साहिर लुधियानवी शायरी – ज़ालिम को जो न रोके
ज़ालिम को जो न रोके वो शामिल है ज़ुल्म में
क़ातिल को जो न टोके वो क़ातिल के साथ है – साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी शायरी – अपनी तबाहियों का मुझे कोई
अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं,
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी। – साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी शायरी – पलकों पे लरजते अश्कों में
पलकों पे लरजते अश्कों में तसवीर झलकती है तेरी.
दीदार की प्यासी आँखों को, अब प्यास नहीं और प्यास भी है – साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी शायरी – मैं ज़िंदगी का साथ निभाता
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया – साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी शायरी – किस दर्जा दिल-शिकन थे मोहब्बत
किस दर्जा दिल-शिकन थे मोहब्बत के हादसे
हम ज़िंदगी में फिर कोई अरमाँ न कर सके! – साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी शायरी – हज़ार बर्क गिरे लाख लाठियाँ उठे
हज़ार बर्क गिरे,लाख लाठियाँ उठे
वो फूल खिलके रहेंगे जो खिलने वाले है । – साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी शायरी – मैं और तुम से तर्क-ए-मोहब्बत
मैं और तुम से तर्क-ए-मोहब्बत की आरज़ू
दीवाना कर दिया है गम-ए-रोज़गार ने – साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी शायरी – गर ज़िंदगी में मिल गए
गर ज़िंदगी में मिल गए फिर इत्तिफ़ाक़ से
पूछेंगे अपना हाल तिरी बेबसी से हम – साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी शायरी – इस तरह ज़िन्दगी ने दिया
इस तरह ज़िन्दगी ने दिया है हमारा साथ,
जैसे कोई निबाह रहा हो रक़ीब से! – साहिर लुधियानवी