जिस अहद में लुट जाए फ़क़ीरों की कमाई
उस अहद के सुल्तान से कुछ भूल हुई है – साग़र सिद्दीक़ी
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साग़र सिद्दीक़ी शायरी – हूरों की तलब और मय
हूरों की तलब और मय ओ साग़र से है नफ़रत
ज़ाहिद तिरे इरफ़ान से कुछ भूल हुई है – साग़र सिद्दीक़ी
साग़र सिद्दीक़ी शायरी – छलके हुए थे जाम परेशाँ
छलके हुए थे जाम परेशाँ थी ज़ुल्फ़-ए-यार
कुछ ऐसे हादसात से घबरा के पी गया – साग़र सिद्दीक़ी
साग़र सिद्दीक़ी शायरी – रंग उड़ने लगा है फूलों
रंग उड़ने लगा है फूलों का
अब तो आ जाओ! वक़्त नाज़ुक है – साग़र सिद्दीक़ी
साग़र सिद्दीक़ी शायरी – झिलमिलाते हुए अश्कों की लड़ी
झिलमिलाते हुए अश्कों की लड़ी टूट गई
जगमगाती हुई बरसात ने दम तोड़ दिया! – साग़र सिद्दीक़ी
साग़र सिद्दीक़ी शायरी – जिन से ज़िंदा हो यक़ीन-ओ-आगही
जिन से ज़िंदा हो यक़ीन-ओ-आगही की आबरू,
इश्क़ की राहों में कुछ ऐसे गुमाँ करते चलो !! – साग़र सिद्दीक़ी
साग़र सिद्दीक़ी शायरी – देखी जो रक़्स करती हुई
देखी जो रक़्स करती हुई मौज-ए-ज़िंदगी
मेरा ख़याल वक़्त की शहनाई बन गया – साग़र सिद्दीक़ी
साग़र सिद्दीक़ी शायरी – कल जिन्हें छु नहीं सकती
कल जिन्हें छु नहीं सकती थी फ़रिश्तों की नज़र
आज वो रौनक़ ~ए~बाज़ार नज़र आते हैं .. – साग़र सिद्दीक़ी
साग़र सिद्दीक़ी शायरी – कहती हैं तुझे मय-कदा-ए-वक़्त की
कहती हैं तुझे मय-कदा-ए-वक़्त की राहें
बिगड़ी हुई तक़दीर को सुलझा के गुज़र जा – साग़र सिद्दीक़ी
साग़र सिद्दीक़ी शायरी – अब कहाँ ऐसी तबीअत वाले
अब कहाँ ऐसी तबीअत वाले
चोट खा कर जो दुआ करते थे – साग़र सिद्दीक़ी