दुष्यंत कुमार शायरी – ज़िंदगी जब अज़ाब होती है

ज़िंदगी जब अज़ाब होती है
आशिक़ी कामयाब होती है – दुष्यंत कुमार

दाग देहलवी शायरी – ज़माने के क्या क्या सितम

ज़माने के क्या क्या सितम देखते हैं,
हम ही जानते हैं जो हम देखते हैं !! – दाग देहलवी

दाग देहलवी शायरी – खूब पर्दा है कि चिलमन

खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं साफ
छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं – दाग देहलवी

दाग देहलवी शायरी – दर्द बन के दिल में

दर्द बन के दिल में आना, कोई तुम से सीख जाए
जान-ए-आशिक हो के जाना ,कोई तुम से सीख जाए । – दाग देहलवी