प्यास अगर मेरी बुझा दे तो मैं जानू,
वरना तू समंदर है तो होगा,मेरी किस काम का है. – राहत इंदौरी
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राहत इंदौरी शायरी – वो जो मुंसिफ़ है तो
वो जो मुंसिफ़ है तो क्या कुछ भी सज़ा दे देगा
हम भी रखते हैं ज़ुबाँ, पहले ख़ता पूछेंगे – राहत इंदौरी
राहत इंदौरी शायरी – आप की नज़रों में सूरज
आप की नज़रों में सूरज की है जितनी अज़मत
हम चिराग़ों का भी उतना ही अदब करते हैं । – राहत इंदौरी
राहत इंदौरी शायरी – लफ्ज़ गूंगे हो चुके तहरीर
लफ्ज़ गूंगे हो चुके तहरीर अंधी हो चुकी,
जितने भी मुखबिर थे अखबारो के मालिक हो गए ॥ – राहत इंदौरी
राहत इंदौरी शायरी – हादसे राह में ज़ंजीर बक़फ
हादसे राह में ज़ंजीर बक़फ हैं लेकिन,
मंज़िलों का ये तक़ाजा है के चलते रहिये। – राहत इंदौरी
राहत इंदौरी शायरी – उसकी महफ़िल में वही सच
उसकी महफ़िल में वही सच था, वो जो कुछ भी कहे,
हम भी गूंगो की तरह हाथ उठा देते थे – राहत इंदौरी
राहत इंदौरी शायरी – सितारों आओ मिरी राह में
सितारों आओ मिरी राह में बिखर जाओ
ये मेरा हुक्म है हालाँकि कुछ नहीं हूँ मैं – राहत इंदौरी
राहत इंदौरी शायरी – मेरा जमीर मेरा ऐतबार बोलता
मेरा जमीर मेरा ऐतबार बोलता है
मेरी जुबान से परवरदिगार बोलता है
तेरी जुबान कतरना बहुत जरूरी है
तुझे मर्ज है तू बार-बार बोलता है – राहत इंदौरी
राहत इंदौरी शायरी – जो तौर है दुनिया का
जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो,
बहरों’ का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो . – राहत इंदौरी
राहत इंदौरी शायरी – मैं फूल हूँ तो फूल
मैं फूल हूँ तो फूल को गुल-दान हो नसीब,
मैं आग हूँ तो आग बुझा देनी चाहिए…!! – राहत इंदौरी