मुनव्वर राना शायरी – रहता है दिन में रात

रहता है दिन में रात के होने का इंतज़ार,
फिर रात को दवाओं की गोली से काटना । – मुनव्वर राना

मुनव्वर राना शायरी – किसी दिन मेरी रुस्वाई का

किसी दिन मेरी रुस्वाई का ये कारण न बन जाये…
तुम्हारा शहर से जाना,….मेरा बीमार हो जाना… – मुनव्वर राना

मुनव्वर राना शायरी – आप दरिया हैं तो फिर

आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं…
आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये… – मुनव्वर राना

मुनव्वर राना शायरी – बड़ा गहरा तअल्लुक़ है सियासत

बड़ा गहरा तअल्लुक़ है सियासत से तबाही का
कोई भी शहर जलता है तो दिल्ली मुस्कुराती है – मुनव्वर राना