आप तो मुँह फेर कर कहते हैं आने के लिए
वस्ल का वादा ज़रा आँखें मिला कर किजिए – माधव राम जौहर
Tag: माधव राम जौहर हिंदी शेर ओ शायरी
माधव राम जौहर शायरी – ज़र्रा समझ के यूँ न
ज़र्रा समझ के यूँ न मिला मुझ को ख़ाक में
ऐ आसमान मैं भी कभी आफ़्ताब था – माधव राम जौहर
माधव राम जौहर शायरी – वो छुपाया करें इस बात
वो छुपाया करें इस बात से क्या होता है
आप सर चढ़ के पुकारेगी जो उल्फ़त होगी – माधव राम जौहर
माधव राम जौहर शायरी – नींद आँख में भरी है
नींद आँख में भरी है कहाँ रात भर रहे
किस के नसीब तुम ने जगाए किधर रहे – माधव राम जौहर
माधव राम जौहर शायरी – काबे में भी वही है
काबे में भी वही है शिवाले में भी वही
दोनों मकान उसके हैं चाहे जिधर रहे – माधव राम जौहर
माधव राम जौहर शायरी – वही शागिर्द फिर हो जाते
वही शागिर्द फिर हो जाते हैं उस्ताद ऐ ‘जौहर’
जो अपने जान ओ दिल से ख़िदमत-ए-उस्ताद करते हैं – माधव राम जौहर
माधव राम जौहर शायरी – अब इत्र भी मलो तो
अब इत्र भी मलो तो तकल्लुफ़ की बू कहाँ
वो दिन हवा हुए जो पसीना गुलाब था – माधव राम जौहर
माधव राम जौहर शायरी – अपनी ज़बान से मुझे जो
अपनी ज़बान से मुझे जो चाहे कह लें आप
बढ़ बढ़ के बोलना नहीं अच्छा रक़ीब का – माधव राम जौहर
माधव राम जौहर शायरी – इलाही क्या खुले दीदार की
इलाही क्या खुले दीदार की राह
उधर दरवाज़े बंद आँखें इधर बंद – माधव राम जौहर
माधव राम जौहर शायरी – आहें भी कीं दुआएँ भी
आहें भी कीं दुआएँ भी मांगीं तिरे लिए मैं
क्या करूँ जो यार किसी में असर न हो – माधव राम जौहर