कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उसने,
बात तो सच है मग़र बात है रुस्वाई की! – परवीन शाकिर
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परवीन शाकिर शायरी – बात वो आधी रात की
बात वो आधी रात की रात वो पूरे चाँद की
चाँद भी ऐन चैत का उस पे तेरा जमाल भी – परवीन शाकिर
परवीन शाकिर शायरी – दिल को उस राह पे
दिल को उस राह पे चलना ही नहीं
जो मुझे तुझ से जुदा करती है
ज़िंदगी मेरी थी लेकिन अब तो
तेरे कहने में रहा करती है – परवीन शाकिर
परवीन शाकिर शायरी – कल रात जो ईंधन के
कल रात जो ईंधन के लिए कट के गिरा है
चिड़ियों को बहुत प्यार था उस बूढ़े शजर से – परवीन शाकिर
परवीन शाकिर शायरी – बीते दिनों का अक्स न
बीते दिनों का अक्स न आइंदा का ख़याल
बस ख़ाली-ख़ाली आँखों से देखा किए मुझे! – परवीन शाकिर
परवीन शाकिर शायरी – ग़मे फ़िराक़ के किस्से निशात
ग़मे फ़िराक़ के किस्से, निशात वस्ल का ज़िक्र
रिवायतन ही सही, कोई बात तो करते – परवीन शाकिर
परवीन शाकिर शायरी – थक गया है दिल वहशी
थक गया है दिल वहशी मेरा फरियाद से भी
जी बहलता नहीं ऐ दोस्त तेरी याद से भी – परवीन शाकिर
परवीन शाकिर शायरी – बस ये हुआ कि उस
बस ये हुआ कि उस ने तकल्लुफ़ से बात की
और हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए – परवीन शाकिर
परवीन शाकिर शायरी – वो कहीं भी गया लौटा
वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मिरे हरजाई की – परवीन शाकिर
परवीन शाकिर शायरी – अक्स ए खुश्बू हूँ
अक्स ए खुश्बू हूँ
बिखरने से
न रोके कोई…
और
बिखरुँ भी तो
मुझ को
न समेटे कोई… – परवीन शाकिर