बच्चा बोला देख कर मस्जिद आली-शान
अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान – निदा फ़ाज़ली
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निदा फ़ाज़ली शायरी – हर तरफ हर जगह बेशुमार
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी,
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी
सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ,
हर तरफ आदमी का शिकार आदमी..!! – निदा फ़ाज़ली
निदा फ़ाज़ली शायरी – ग़म हो कि ख़ुशी दोनों
ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ दूर के साथी हैं
फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है – निदा फ़ाज़ली
निदा फ़ाज़ली शायरी – जाने कब चाँद बिखर जाये
जाने कब चाँद बिखर जाये जंगल में…
घर कि चौखट पे कोई दीप जलाते रहिये…!!! – निदा फ़ाज़ली
निदा फ़ाज़ली शायरी – सातों दिन भगवान के
सातों दिन भगवान के ,क्या मंगल क्या वीर।
जिस दिन सोये देर तक भूखा रहे फ़कीर ।। – निदा फ़ाज़ली
निदा फ़ाज़ली शायरी – दुश्मनी लाख सही ख़त्म न
दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए – निदा फ़ाज़ली
निदा फ़ाज़ली शायरी – हर एक बस्ती बदलती है
हर एक बस्ती बदलती है रंग रूप कई
जहाँ भी सुब्ह गुज़ारो उधर ही शाम करो – निदा फ़ाज़ली
निदा फ़ाज़ली शायरी – ज़हानतों को कहाँ कर्ब से
ज़हानतों को कहाँ कर्ब से फ़रार मिला
जिसे निगाह मिली उसको इंतज़ार मिला – निदा फ़ाज़ली
निदा फ़ाज़ली शायरी – अब ख़ुशी है न कोई
अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला
हम ने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला – निदा फ़ाज़ली
निदा फ़ाज़ली शायरी – ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल
ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना
तक़ल्लुफ़ की रवादारी से बचिये – निदा फ़ाज़ली