कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़दार में – बहादुर शाह ज़फ़र
Tag: बहादुर शाह ज़फ़र हिंदी पोएट्री
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – कीजे ना दस में बैठ
कीजे ना दस में बैठ कर आपस की बात चीत
पहुँचेगी दस हज़ार जगाह दस की बात चीत – बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – मुझको दुनिया से ‘ज़फ़र’ कौन
मुझको दुनिया से ‘ज़फ़र’ कौन मिटा सकता है
मैं तो शायर हूँ किताबों में बिखर जाउंगा – बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – ये चमन यूँ ही रहेगा
ये चमन यूँ ही रहेगा और हज़ारों बुलबुलें
अपनी अपनी बोलियाँ सब बोल कर उड़ जाएँगी – बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – चाहिए उस का तसव्वुर ही
चाहिए उस का तसव्वुर ही से नक़्शा खींचना
देख कर तस्वीर को तस्वीर फिर खींची तो क्या – बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – कितना है बदनसीब “ज़फ़र” दफ़्न
कितना है बदनसीब “ज़फ़र” दफ़्न के लिये
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में – बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – तुमने किया ना याद कभी
तुमने किया ना याद कभी भूल कर हमै
हमने तुम्हारी याद मैं सब कुछ भूला दिया – बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – बात करनी मुझे मुश्किल कभी
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी।
जैसी अब है तेरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी। – बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – तकदीर के सिवा नहीं मिलता
तकदीर के सिवा नहीं मिलता कहीं से भी
दिलवाता ऐ “ज़फ़र” है मुक़द्दर कहे बग़ैर – बहादुर शाह ज़फ़र
बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – चश्म-ए-क़ातिल मिरी दुश्मन थी हमेशा
चश्म-ए-क़ातिल मिरी दुश्मन थी हमेशा लेकिन,
जैसी अब हो गई क़ातिल कभी ऐसी तो न थी..! – बहादुर शाह ज़फ़र