सींचा था जिस को ख़ूने तमन्ना से रात दिन
गुलशन में उस बहार के हक़दार हम नहीं – नक़्श लायलपुरी
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नक़्श लायलपुरी शायरी – नाम होंटों पे तिरा आए
नाम होंटों पे तिरा आए तो राहत सी मिले
तू तसल्ली है दिलासा है दुआ है क्या है – नक़्श लायलपुरी
नक़्श लायलपुरी शायरी – बैठा हूँ मैं तनहाई को
बैठा हूँ मैं तनहाई को सीने से लगा के
इस हाल में जीना तो मुझे रास नहीं था – नक़्श लायलपुरी
नक़्श लायलपुरी शायरी – बड़ा अजीब है अफ़साना-ए-मुहब्बत भी
बड़ा अजीब है अफ़साना-ए-मुहब्बत भी
ज़बाँ से क्या ये निगाहों से भी कहा न गया – नक़्श लायलपुरी
नक़्श लायलपुरी शायरी – पानी से ‘नक्श’ कब हुई
पानी से ‘नक्श’ कब हुई रौशन यह ज़िंदगी
मैं अपने आँसुओं के दिये भी जला चुका – नक़्श लायलपुरी
नक़्श लायलपुरी शायरी – मैं भी रसमन तअल्लुक़ निभाता
मैं भी रसमन तअल्लुक़ निभाता रहा
वो भी अक्सर मिला सोचते-सोचते – नक़्श लायलपुरी
नक़्श लायलपुरी शायरी – हमने क्या पा लिया हिंदू
हमने क्या पा लिया हिंदू या मुसलमाँ होकर।।
क्यों न इंसाँ से मुहब्बत करें इंसां होकर।। – नक़्श लायलपुरी
नक़्श लायलपुरी शायरी – मैं दुनिया की हक़ीकत जानता
मैं दुनिया की हक़ीकत जानता हूँ
किसे मिलती है शोहरत जानता हूँ – नक़्श लायलपुरी
नक़्श लायलपुरी शायरी – मैं हूँ महबूब अंधेरों का
मैं हूँ महबूब अंधेरों का मुझे हैरत है
कैसे पहचान लिया तुमने उजालो मुझको – नक़्श लायलपुरी
नक़्श लायलपुरी शायरी – वो ख़याल कौन-सा है के
वो ख़याल कौन-सा है के बना हुआ है पैकर
किसे ‘नक्श़’ कर रहा हूँ मैं सलाम बेख़ुदी में – नक़्श लायलपुरी