कीजिए और कोई जुल्म अगर जिद है यही
लीजिए और मेरे लब पै दुआएं आईं – जिगर मुरादाबादी
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जिगर मुरादाबादी शायरी – आदमी के पास सब कुछ
आदमी के पास सब कुछ है मगर,
एक तन्हा आदमिय्यत ही नहीं…!! – जिगर मुरादाबादी
जिगर मुरादाबादी शायरी – उन का जो फ़र्ज़ है
उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे – जिगर मुरादाबादी
जिगर मुरादाबादी शायरी – वही है ज़िंदगी लेकिन ‘जिगर’
वही है ज़िंदगी लेकिन ‘जिगर’ ये हाल है अपना
कि जैसे ज़िंदगी से ज़िंदगी कम होती जाती है – जिगर मुरादाबादी
जिगर मुरादाबादी शायरी – तिरी ख़ुशी से अगर ग़म
तिरी ख़ुशी से अगर ग़म में भी ख़ुशी न हुई
वो ज़िंदगी तो मोहब्बत की ज़िंदगी न हुई – जिगर मुरादाबादी
जिगर मुरादाबादी शायरी – दिल गया रौनके-हयात गई
दिल गया, रौनके-हयात गई,
गम गया, सारी कायनात गई। – जिगर मुरादाबादी
जिगर मुरादाबादी शायरी – जब मिली आँख होश खो
जब मिली आँख होश खो बैठे
कितने हाज़िर-जवाब हैं हम लोग – जिगर मुरादाबादी
जिगर मुरादाबादी शायरी – सदाक़त हो तो दिल सीनों
सदाक़त हो तो दिल सीनों से खिंचने लगते हैं वाइज़
हक़ीक़त ख़ुद को मनवा लेती है मानी नहीं जाती – जिगर मुरादाबादी
जिगर मुरादाबादी शायरी – समझे थे तुझसे दूर निकल
समझे थे तुझसे दूर निकल जायेंगे कहीं…
देखा तो हर मुक़ाम तेरी रहगुज़र में है… – जिगर मुरादाबादी
जिगर मुरादाबादी शायरी – तूल-ए-गम-ए-हयात से घबरा न ऐ
तूल-ए-गम-ए-हयात से घबरा न ऐ जिगर…
ऐसी भी कोई शाम है… जिसकी सहर न हो – जिगर मुरादाबादी