बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा
क़हर होता जो बा-वफ़ा होता! – मीर तक़ी मीर
Tag: चुनिंदा मीर तक़ी मीर शायरी
मीर तक़ी मीर शायरी – इश्क़ में जी को सब्र-ओ-ताब
इश्क़ में जी को सब्र-ओ-ताब कहाँ
उस से आँखें लगीं तो ख़्वाब कहाँ – मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर शायरी – पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है – मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर शायरी – दिल की वीरानी का क्या
दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है
ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया – मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर शायरी – आग थे इब्तेदा-ऐ-इश्क़ में हम
आग थे इब्तेदा-ऐ-इश्क़ में हम.,
हो गए ख़ाक, इन्तेहाँ है ये..।। – मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर शायरी – नाहक़ हम मजबूरों पर ये
नाहक़ हम मजबूरों पर ये तोहमत है मुख़्तारी की
चाहते हैं सो आप करें हैं, हमको अबस बदनाम किया – मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर शायरी – हम ने अपनी सी की
हम ने अपनी सी की बहुत लेकिन
मरज़-ए-इश्क़ का इलाज नहीं – मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर शायरी – अब तो जाते हैं बुत-कदे
अब तो जाते हैं बुत-कदे से ‘मीर’
फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया – मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर शायरी – खिलना कम कम कली ने
खिलना कम कम कली ने सीखा है
उस की आँखों की नीम-ख़्वाबी से! – मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर शायरी – हम हुए तुम हुए कि
हम हुए तुम हुए कि ‘मीर’ हुए
उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए! – मीर तक़ी मीर