क़तील शिफ़ाई शायरी – शम्अ जिस आग में जलती

शम्अ जिस आग में जलती है नुमाइश के लिए
हम उसी आग में गुम-नाम से जल जाते हैं – क़तील शिफ़ाई

क़तील शिफ़ाई शायरी – वो मेरा दोस्त है सारे

वो मेरा दोस्त है सारे जहाँ को है मालूम,
दग़ा करे वो किसी से तो शर्म आये मुझे.. – क़तील शिफ़ाई

क़तील शिफ़ाई शायरी – सुनता हूँ अब किसी से

सुनता हूँ अब किसी से वफ़ा कर रहा है वो
ऐ ज़िन्दगी खुशी से कहीं मर न जाऊँ मैं – क़तील शिफ़ाई

क़तील शिफ़ाई शायरी – कुछ कह रहीं हैं आपके

कुछ कह रहीं हैं आपके सीने की धड़कनें
मेरी सुनें तो दिल का कहा मान जाइए – क़तील शिफ़ाई