ज़फ़र इक़बाल शायरी – बारिश की बहुत तेज़ हवा

बारिश की बहुत तेज़ हवा में कहीं मुझ को
दरपेश था इक मरहला जलने की तरह का – ज़फ़र इक़बाल

ज़फ़र इक़बाल शायरी – विदा करती है रोज़ाना ज़िंदगी

विदा करती है रोज़ाना ज़िंदगी मुझ को
मैं रोज़ मौत के मंजधार से निकलता हूँ – ज़फ़र इक़बाल

ज़फ़र इक़बाल शायरी – जारी है रौशनी का सफ़र

जारी है रौशनी का सफ़र दूर दूर तक
क्या खेल कोई खेल रहा है ख़लाओं में – ज़फ़र इक़बाल

ज़फ़र इक़बाल शायरी – वो सूरत देख ली हम

वो सूरत देख ली हम ने तो फिर कुछ भी न देखा
अभी वर्ना पड़ी थी एक दुनिया देखने को – ज़फ़र इक़बाल