न कोई वादा न यकीन न उम्मीद
मगर हमने तो इंतजार करना था – फिराक गोरखपुरी
Category: फिराक गोरखपुरी शायरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – अभी कुछ और हो इन्सान
अभी कुछ और हो इन्सान का लहू पानी
अभी हयात के चेहरे पे आब-ओ-ताब नहीं – फिराक गोरखपुरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – इसी दिल की किस्मत में
इसी दिल की किस्मत में तन्हाइयाँ थी
कभी जिसने अपना पराया न जाना – फिराक गोरखपुरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – कुछ इशारे थे जिन्हें दुनिया
कुछ इशारे थे जिन्हें दुनिया समझ बैठे थे हम
उस निगाह-ए-आशना को क्या समझ बैठे थे हम – फिराक गोरखपुरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – कोई नयी ज़मीं हो
कोई नयी ज़मीं हो, नया आसमां भी हो
ए दिल अब उसके पास चले, वो जहां भी हो – फिराक गोरखपुरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – मुंह से हम अपने बुरा
मुंह से हम अपने बुरा तो नहीं कहते , के ‘फिराक’
है तेरा दोस्त मगर आदमी अच्छा भी नहीं – फिराक गोरखपुरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – मजहब कोई लौटा ले
मजहब कोई लौटा ले, और उसकी जगह दे दे,
तहजीब करीने की, इंसान सलीके के ! – फिराक गोरखपुरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – न पूछ क्या काम कर
न पूछ क्या काम कर गई है, दिलो-नज़र में उतर गई है
तेरी नज़र सब को आज़माए, तेरी नज़र कौन आज़माए – फिराक गोरखपुरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – अपना गम किस तरह से
अपना गम किस तरह से बयान करूँ,
आग लग जायेगी इस जमाने में – फिराक गोरखपुरी
फिराक गोरखपुरी शायरी – बदगुमाँ होके मिल ए दोस्त
बदगुमाँ होके मिल ए दोस्त जो मिलना है तझे..
यूँ झिझकते हुए मिलना कोई मिलना भी नहीं… – फिराक गोरखपुरी