फैज अहमद फैज शायरी – वीरां है मैकदा खुमो-सागर उदास

वीरां है मैकदा खुमो-सागर उदास हैं,
तुम क्या गये कि रूठ गये दिन बहार के। – फैज अहमद फैज

फैज अहमद फैज शायरी – उठ कर तो आ गये

उठ कर तो आ गये हैं तेरी बज्म से मगर,
कुछ दिल ही जानता है कि किस दिल से आये हैं। – फैज अहमद फैज

फैज अहमद फैज शायरी – दिल नाउम्मीद तो नहीं नाकाम

दिल नाउम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है,
लंबी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है। – फैज अहमद फैज

फैज अहमद फैज शायरी – नही निगाह में मंजिल तो

नही निगाह में मंजिल तो जुस्तुजू ही सही
नही विसाल मयस्सर तो आरजू ही सही। – फैज अहमद फैज