वीरां है मैकदा खुमो-सागर उदास हैं,
तुम क्या गये कि रूठ गये दिन बहार के। – फैज अहमद फैज
Category: फैज अहमद फैज शायरी
फैज अहमद फैज शायरी – हर राह पहुँचती है तिरी
हर राह पहुँचती है तिरी चाह के दर तक
हर हर्फ़े-तमन्ना तिरे क़दमों की सदा है – फैज अहमद फैज
फैज अहमद फैज शायरी – इक तर्जे-तगाफुल है सो वह
इक तर्जे-तगाफुल है सो वह उनको मुबारक,
इक अर्जे-तमन्ना है, सो हम करते रहेंगे। – फैज अहमद फैज
फैज अहमद फैज शायरी – उठ कर तो आ गये
उठ कर तो आ गये हैं तेरी बज्म से मगर,
कुछ दिल ही जानता है कि किस दिल से आये हैं। – फैज अहमद फैज
फैज अहमद फैज शायरी – जब तुझे याद कर लिया
जब तुझे याद कर लिया सुबह महक महक उठी
जब तेरा गम जगा लिया रात मचल मचल गई – फैज अहमद फैज
फैज अहमद फैज शायरी – दस्त-ए-फलक में गर्दिश-ए-तकदीर तोह नहीं
दस्त-ए-फलक में गर्दिश-ए-तकदीर तोह नहीं …
दस्त-ए-फलक में गर्दिश-ए-आयाम ही तोह है – फैज अहमद फैज
फैज अहमद फैज शायरी – दिल नाउम्मीद तो नहीं नाकाम
दिल नाउम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है,
लंबी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है। – फैज अहमद फैज
फैज अहमद फैज शायरी – रिन्दाने-जहां से ये नफरत ऐ
रिन्दाने-जहां से ये नफरत, ऐ हजरते-वाइज क्या कहना,
अल्लाह के आगे बस न चला, बंदों से बगावत कर बैठे। – फैज अहमद फैज
फैज अहमद फैज शायरी – नही निगाह में मंजिल तो
नही निगाह में मंजिल तो जुस्तुजू ही सही
नही विसाल मयस्सर तो आरजू ही सही। – फैज अहमद फैज
फैज अहमद फैज शायरी – रंग पैराहन का ख़ुशबू जुल्फ़
रंग पैराहन का, ख़ुशबू जुल्फ़ लहराने का नाम
मौसमे गुल है तुम्हारे बाम पर आने का नाम – फैज अहमद फैज