मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – रोक लो गर

रोक लो गर ग़लत चले कोई,,
बख़्श दो गर ख़ता करे कोई! – मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – मैं भी मुँह में ज़बान

मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है – मिर्ज़ा ग़ालिब