Top 100 Hindi Shayari – Bachpan, Bachon, Bache, Children, Child, Childhood Poetry

खिलौनों की दुकानों की तरफ़ से आप क्यूँ गुज़रे
ये बच्चे की तमन्ना है ये समझौता नहीं करती
मुनव्वर राना

———>Bachche Shayari In Hindi<————

खिलौनों की दुकानो रास्ता दो
मिरे बच्चे गुज़रना चाहते हैं
अज्ञात

———>Bachche Shayari In Hindi<————

खिलौनों के लिए बच्चे अभी तक जागते होंगे
तुझे ऐ मुफ़्लिसी कोई बहाना ढूँड लेना है
मुनव्वर राना

———>बच्चों पर शायरी<————

ख़्वाहिशें दिल में मचल कर यूँही सो जाती हैं
जैसे अँगनाई में रोता हुआ बच्चा कोई
इशरत आफ़रीं

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मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – हाँ वो नहीं ख़ुदा-परस्त जाओ

हाँ वो नहीं ख़ुदा-परस्त जाओ वो बेवफ़ा सही
जिस को हो दीन ओ दिल अज़ीज़ उस की गली में जाए क्यूँ – मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – और बाज़ार से ले आए

और बाज़ार से ले आए अगर टूट गया
साग़र-ए-जम से मिरा जाम-ए-सिफ़ाल अच्छा है – मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – शहादत थी मेरी क़िस्मत में

शहादत थी मेरी क़िस्मत में जो दी थी ये ख़ू मुझ को
जहाँ तलवार को देखा झुका देता था गर्दन को – मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – न लुटता दिन को तो

न लुटता दिन को तो कब रात को यूँ बेख़बर सोता
रहा खटका न चोरी का दुआ देता हूँ रहज़न को – मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – रोक लो गर

रोक लो गर ग़लत चले कोई,,
बख़्श दो गर ख़ता करे कोई! – मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – मैं भी मुँह में ज़बान

मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है – मिर्ज़ा ग़ालिब

मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – उन के देखे से जो

उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है – मिर्ज़ा ग़ालिब