नक़्श लायलपुरी शायरी – पानी से ‘नक्श’ कब हुई

पानी से ‘नक्श’ कब हुई रौशन यह ज़िंदगी
मैं अपने आँसुओं के दिये भी जला चुका – नक़्श लायलपुरी