दोस्ती हिंदी शायरी – वक़्त नूर को बेनूर कर देता है

वक़्त नूर को बेनूर कर देता है
थोड़े से ज़ख्म को नासूर कर देता है
वरना कौन चाहता है तुम जैसे दोस्तो से दूर रहना
वक़्त ही तो इंसान को मजबूर कर देता