अहमद फ़राज़ शायरी – अब तो ये आरज़ू है

अब तो ये आरज़ू है कि वो ज़ख़्म खाइए
ता-ज़िंदगी ये दिल न कोई आरज़ू करे – अहमद फ़राज़